मुडीमैन समिति (1924) – उद्देश्य, सिफारिशें और प्रभाव
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में प्रशासनिक सुधारों और वित्तीय व्यवस्था को लेकर कई समितियाँ गठित की गई थीं। ऐसी ही एक महत्वपूर्ण समिति थी मुडीमैन समिति (Mudiman Committee), 1924, जिसे भारतीय प्रशासनिक संरचना की समस्याओं की समीक्षा करने और समाधान सुझाने के लिए गठित किया गया था।

Table of Contents
मुडीमैन समिति की पृष्ठभूमि
1919 के मॉन्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों के तहत भारत सरकार अधिनियम, 1919 लागू किया गया था, जिसने द्वैध शासन (Dyarchy) की शुरुआत की। इस व्यवस्था में प्रांतीय शासन को दो भागों में बाँट दिया गया – उत्तरदायी एवं अनुत्तरदायी विषय। हालाँकि, इस प्रणाली में कई खामियाँ सामने आईं, जैसे:
- केंद्र और प्रांतों के बीच वित्तीय असंतुलन
- मंत्रियों को वास्तविक अधिकारों की कमी
- भारतीय प्रशासन में अस्पष्ट शक्तियों का वितरण
इन समस्याओं को हल करने के लिए 1924 में मुडीमैन समिति गठित की गई।
मुडीमैन समिति का गठन
मुडीमैन समिति का गठन ब्रिटिश सरकार ने 1924 में किया था। इस समिति के अध्यक्ष सर एलेक्ज़ेंडर मुडीमैन (Sir Alexander Mudiman) थे, जो उस समय भारत के कार्यकारी गवर्नर जनरल थे।
मुडीमैन समिति की प्रमुख सिफारिशें
- द्वैध शासन की प्रणाली में सुधार की आवश्यकता – समिति ने स्वीकार किया कि द्वैध शासन में कई समस्याएँ हैं, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त करने की अनुशंसा नहीं की।
- वित्तीय व्यवस्था में सुधार – केंद्र और प्रांतों के बीच वित्तीय संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता बताई गई।
- भारतीय मंत्रियों के अधिकार सीमित रखने की सिफारिश – समिति ने कहा कि भारतीय मंत्रियों को अधिक स्वतंत्रता देने से प्रशासनिक कार्यों में कठिनाई हो सकती है।
- ब्यूरोक्रेसी (नौकरशाही) की भूमिका को मजबूत बनाए रखना – समिति ने ब्रिटिश अधिकारियों के नियंत्रण को बनाए रखने की वकालत की।
मुडीमैन समिति के उद्देश्य
मुडीमैन समिति को निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर अध्ययन और सिफारिशें देने के लिए नियुक्त किया गया था:
- द्वैध शासन की प्रभावशीलता का मूल्यांकन
- केंद्र और प्रांतीय सरकारों के बीच वित्तीय संबंधों की समीक्षा
- भारतीय मंत्रियों को दी गई शक्तियों की जाँच
- प्रशासनिक समस्याओं का विश्लेषण और सुधार के सुझाव
मुडीमैन समिति का प्रभाव
समिति की अधिकांश सिफारिशें भारतीयों के पक्ष में नहीं थीं, जिससे भारतीय राष्ट्रीय नेताओं में असंतोष पैदा हुआ।
ब्रिटिश सरकार ने द्वैध शासन में कुछ मामूली बदलाव किए, लेकिन भारतीय मंत्रियों को अधिक शक्तियाँ देने से इंकार कर दिया।
साइमन कमीशन (1927) के गठन का रास्ता तैयार हुआ, जिसने 1935 के भारत सरकार अधिनियम का आधार बनाया।
FAQ
मुडीमैन समिति कब गठित की गई थी?
मुडीमैन समिति का गठन 1924 में किया गया था।
इस समिति का मुख्य उद्देश्य क्या था?
द्वैध शासन की समीक्षा और प्रशासनिक सुधारों के लिए सिफारिशें देना।
क्या मुडीमैन समिति की सिफारिशें भारतीयों के पक्ष में थीं?
नहीं, समिति ने ब्रिटिश प्रशासन के नियंत्रण को बनाए रखने की सिफारिश की, जिससे भारतीय नेताओं में असंतोष बढ़ा।
मुडीमैन समिति का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर क्या प्रभाव पड़ा?
मुडीमैन समिति की अनुशंसाओं से असंतोष बढ़ा, जिसने आगे चलकर साइमन कमीशन (1927) और भारत सरकार अधिनियम, 1935 की पृष्ठभूमि तैयार की।