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कहानी 1971 की जंग की । India Pakistani War in Hindi

India-Pakistani War
India-Pakistani War

India Pakistani War

1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध को खत्‍म हुए आज 53 साल से भी ज्यादा हो चुके है । 16 दिसंबर 1971 की शाम 4.35 मिनट पर पाकिस्‍तानी सेना ने सरेंडर किया था।इस युद्ध मे पाकिस्तान के 93000 सैनिकों ने सरेंडर किया था। इसे इतिहास मे दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़ा आत्मसमर्पण माना जाता है। इसी युद्ध मे रूस भारत की सहायता करने के लिए पूरी दुनिया से भीड़ गया था।

Starting of India Pakistani War

अब चलते है इस युद्ध की शुरुआत मे , 4 दिसंबर 1971 की रात को पाकिस्तान के 4000 सैनिक अपनी टैंकों के साथ लोंगेवाला पर हमला करने के लिए आगे बढ़ने लगते है, चिंता की बात ये थी की लोंगेवाला मे भारत के सिर्फ 120 जवान मौजूद थे। लेकीन हमारे वीर जवान बिना डरे अपनी पोस्ट पर डटे रहे। भारतीय सैनिकों ने सूझबूझ से काम लिया और रेगिस्तान मे आगे की तरफ माइंस बिछा दिया और पीछे की तरफ टिफिन बॉक्स बिछा दिया। जैसे ही पाकिस्तान के दो टैंक माइंस मे परखच्चे उड़ गए , पाकिस्तानी सेना वही रुक गई और माइंस समझकर टिफिन बॉक्स निकालने लगी । कुछ देर बाद सैनिकों की लड़ाई बहुत भयंकर हो जाती है।

Morning after the Fight

देरी थी तो बस सवेरा होने की ताकि इंडियन ऐरफोर्स आ जाए क्योंकि उस वक्त फाइटर प्लेन रात मे उड़ान नहीं भर सकते थे। भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को सुबह तक रोक के रखा। और फिर क्या, इंडियन ऐरफोर्स आई और पूरी पाकिस्तानी सेना को बर्बाद कर दिया । लेकीन युद्ध अभी खत्म नहीं हुआ था क्योंकि पूर्वी पाकिस्तान जो आज का बांग्लादेश है उसपर पश्चिमी पाकिस्तान अत्याचार कर रहा था , पाकिस्तान वाले वहाँ की औरतों का रेप करने लगे ,उनको जान से मार दिया गया । जिसके विरोध मे मुक्तिवाहिनी नाम का संगठन आगे आया जिसके समर्थन मे भारत था।

Conclusion

इसी टाइम पर पाकिस्तानी सेना को इधर जाने से रोकने का काम भारतीय सेना को दिया गया। ताकि ये पूर्वी पाकिस्तान मे जाकर अत्याचार ना कर सके। इसी बीच इंट्री होती है अमेरिका की जिसने पाकिस्तान के समर्थन मे अपना सतवां बेड़ा भारत से युद्ध करने के लिए रावाना कर दिया। अब भारत को जीत हासिल करना मुस्किल था। लेकीन इसी बीच एक और इंट्री होती है रूस की, भारत के समर्थन में । रूस ने अपने परमाणु क्षमता से लैस पनडुब्बी और चालिसवे बेड़े को इंडियन ओसन मे भेज दिया ।

1813 का चार्टर अधिनियम।

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